नई दिल्ली, 2 मई 2025 — 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटकों की जान गई, अमेरिका ने भारत के आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में अपना अटूट समर्थन दोहराया है। अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा, “जैसा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री मोदी से कहा था, अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ मजबूती से खड़ा है, और प्रधानमंत्री मोदी को हमारा पूरा समर्थन प्राप्त है” ।
उच्च स्तरीय कूटनीतिक संवाद जारी
ब्रूस ने बताया कि अमेरिका भारत और पाकिस्तान दोनों के अधिकारियों के साथ निरंतर संपर्क में है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के साथ अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो की बातचीत हुई है, जिसमें दोनों देशों से संयम बरतने और दीर्घकालिक शांति बनाए रखने की अपील की गई है ।
भारत की कड़ी प्रतिक्रिया
हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए हैं, जिनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना, अटारी एकीकृत जांच चौकी को बंद करना और पाकिस्तान के उच्चायोग के कर्मचारियों की संख्या में कटौती शामिल है। भारतीय सेना को भी नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब देने की पूरी छूट दी गई है ।
अमेरिका ने पाकिस्तान से की आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने पाकिस्तान से उम्मीद जताई है कि वह भारत के साथ मिलकर पाकिस्तान स्थित आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा। उन्होंने भारत से भी क्षेत्रीय संघर्ष से बचने की अपील की है ।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रियाएं
रूस, सऊदी अरब, कतर और अन्य देशों ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की है और भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की है। संयुक्त राष्ट्र और चीन ने दोनों देशों से संयम बरतने और कूटनीतिक समाधान की अपील की है ।
निष्कर्ष
अमेरिका का यह स्पष्ट समर्थन भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक जीत है, जो आतंकवाद के खिलाफ उसके दृढ़ संकल्प को वैश्विक मंच पर मजबूती प्रदान करता है। हालांकि, क्षेत्रीय शांति बनाए रखने के लिए दोनों देशों के बीच संवाद और संयम आवश्यक है।